मैथिली अनुवाद आ गुगल : एससी सुमन

 


आजुक आधुनिक युगमे अनुवादक महत्ता आ उपादेयताके विश्व भैरमे स्वीकार कायल जा चुका छैक । वैदिक युगक ‘पुन: कथन’ सँ लेक आजुक ‘ट्रांसलेशन’ तक अबैत -अबैत अनुवाद अपन स्वरूप आ अर्थमे बदलावके सगे- सगे अपन बहुमुखी आ बहुआयामी प्रयोजनके सिद्ध कर चुकल अछि । प्राचीन काल में ‘स्वांत: सुखाय’ मानल जाय वाला अनुवाद कर्म आई संगठित व्यवसायके मुख्य आधार बनि गेल अछि । दोसर शब्दमे कहल जाय त अनुवाद प्राचीन कालक व्यक्ति परिधि स निकलक आधुनिक युगक समष्टि परिधिमे समाहित भगेल अछि । आई विश्वभैर मे अनुवादक आवश्यकता जीवनक हरेक क्षेत्रमे कोनो ने कोनो रूप मे अवश्य महसूस कयल जा रहल छैक । अनुवाद आई के जीवनक अनिवार्य आवश्यकता बनि गेल अछि ।  

टाइम मशीन आ ऐप आधारित अनुवाद केर आवश्यकता बढि रहल छै ।  गूगल पर एखन धरि एहि मे कुल 133 भाषा क अनुवाद भ सकैत छ्ल, मुदा गूगल 24टा आओर भाषा कए जोड़ि देलक अछि । गूगल ट्रांसलेटर के आजुक समय मे बहुत प्रयोग भ रहल अछि । मुदा संस्कृत एखनो ओहिमे नहि छल । संस्कृत सहित मैथिली, असमिया, डोगरी, कोंकणी, भोजपुरी, मणिपुरी आ मिजो के गूगल ट्रांसलेट टूल मे जोड़ल गेल अछि ।  एहि सँ आन भाषा सब सँ एहि भाषा सब मे मशीन अनुवाद आसान भेल अछि ।  गूगल दिस सँ कहल गेल अछि जे एहि मे लगातार सुधार कएल जा रहल अछि । गूगल ट्रान्सलेट आब मैथिली मे सेहो उपलब्ध अछि, जे मैथिली वेब लेल ई क्रान्तिकारी डेग साबित होएत । आगामी दिनमे  गूगल असिस्टेंट, गूगल ट्रांसलेट सहित भाषा सेवा सब मे एकर उपयोग बढ़त । मैथिली भाषा मे सुविधा भेला सँ ऑनलाइन मैथिली सामग्री सब बेसी उपलब्ध हेतै, जे आजुक आबश्यकता अछि । 

गूगल के अनुसार नव जोडल गेल भाषा के उपयोग दुनिया भैर मे 30 करोड़ लोक करैत अछि । संस्कृत–भारत मे लगभग 20,000 लोक द्वारा प्रयोग कएल जाइत अछि । भोजपुरी भारत, नेपाल आ फिजी मे लगभग ५ करोड़ लोक द्वारा प्रयोग कएल जाइत अछि । मैथिली उत्तर भारत आ नेपाल मे प्रयोग करैत छथि, आ मैथिली नेपाल मे नेपालीक बाद सब स बेसि बाजय बाला भाषा अछि । अनुवाद आजुक व्यावसायिक युगक अपेक्षा मात्र नै अनिवार्यता भगेल छैक । जेकरा सांस्कृतिक सेतु कहल जासकैत अछि । सांस्कृतिक एकता, परस्पर आदान-प्रदान तथा ‘विश्वकुटुम्बकम्’ के स्वप्नके साकार करवाक दृष्टि सँ अनुवादक भूमिका उल्लेखनीय अछी । अहि प्रकार वर्तमान युग मे अनुवादक महत्ता आ उपयोगिता मात्र भाषा आ साहित्य तक सीमित नही छैक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय संहति आ एकवध्यता क माध्यम छैक जो भाषायी सीमाके पार क मैथिली  चिन्तन आर साहित्य क सर्जनात्मक चेतना क समरूपता क  सगे- सगे, वर्तमान तकनीकी आ वैज्ञानिक युग क  अपेक्षाके पूर्तिक हमार  ज्ञान-विज्ञान के आयामके  देश-विदेश अनुवाद आजुक व्यावसायिक युगक अपेक्षा मात्र नै अनिवार्यता भगेल छैक । जेकरा सांस्कृतिक सेतु कहल जासकैत छी । सांस्कृतिक एकता, परस्पर आदान-प्रदान तथा ‘विश्वकुटुम्बकम्’ के स्वप्नके साकार करवाक दृष्टि सँ अनुवादक भूमिका उल्लेखनीय अछि । अहि प्रकारे वर्तमान युग मे अनुवादक महत्ता आ उपयोगिता मात्र भाषा आ साहित्य तक सीमित नही छैक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय संहति आ एकवध्यता क माध्यम छैक जो भाषायी सीमाके पार क मैथिली चिन्तन आर साहित्य क सर्जनात्मक चेतना क समरूपता क सगे- सगे, वर्तमान तकनीकी आ वैज्ञानिक युग क  अपेक्षाके पूर्तिक हमार  ज्ञान-विज्ञान के आयामके  देश-विदेश मे संपृक्त करैत अछि । 

ओतहि गूगल केर घोषणा सँ सोशल मीडिया सहित मैथिली भाषा-भाषी मे एकटा खुशीक लहरि देखल जा रहल अछि । बेसी सँ बेसी लोक एहि सुविधा के  लाभ उठा मैथिली भाषा मे वेब पर कंटेंट जोड़थि । निश्चय उपयोग आ उपभोक्ता बढ़ने एहन सन सुविधा मे बढ़ोतरी होइत रहैत छैक । ज्ञात हो जे विकिपीडिया, बाजा ऐप सहित कतेको इन्टरनेट सँ जुड़ल ऐप आ वेबसाइट सब मैथिली मे कंटेंट के बढ़ा रहल अछि । 

अनुवाद आजुक व्यावसायिक युगक अपेक्षा मात्र नै अनिवार्यता भगेल छैक । जेकरा सांस्कृतिक सेतु कहल जासकैत छी । सांस्कृतिक एकता, परस्पर आदान-प्रदान तथा ‘विश्वकुटुम्बकम्’ के स्वप्नके साकार करवाक दृष्टि सँ अनुवादक भूमिका उल्लेखनीय अछी । अहि प्रकार वर्तमान युग मे अनुवादक महत्ता आ उपयोगिता मात्र भाषा आ साहित्य तक सीमित नही छैक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय संहति आ एकवध्यता क माध्यम छैक जो भाषायी सीमाके पार क मैथिली  चिन्तन आर साहित्य क सर्जनात्मक चेतना क समरूपता क सगे- सगे, वर्तमान तकनीकी आ वैज्ञानिक युग क अपेक्षाके पूर्तिक हमार ज्ञान-विज्ञान के आयामके देश-विदेश मे संपृक्त करैत अछी । 

artistsuman.scd@gmail.com




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